प्रोटीन क्यों जरूरी है? अमीनो एसिड्स शरीर में कैसे काम करते हैं
सुसन बोवरमैन, एम.एस., आर.डी. – वरिष्ठ निदेशक, वर्ल्डवाइड न्यूट्रिशन एजुकेशन एंड ट्रेनिंग
18 जुलाई 2023
हम सभी जानते हैं कि प्रोटीन हमारे आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह शरीर के लिए इतना जरूरी क्यों है? आइए समझते हैं कि प्रोटीन क्या है और यह हमारे शरीर में कैसे काम करता है।
प्रोटीन और अमीनो एसिड्स: बेसिक्स
प्रोटीन एक मैक्रोन्यूट्रिएंट है, जो अमीनो एसिड्स से बना होता है। ये अमीनो एसिड्स शरीर की "बिल्डिंग ब्लॉक्स" हैं, जो विभिन्न तरीकों से जुड़कर अलग-अलग प्रोटीन बनाते हैं।
अमीनो एसिड्स की तुलना वर्णमाला से:
जैसे 26 अक्षरों से असंख्य शब्द बनते हैं, वैसे ही 20 अमीनो एसिड्स अलग-अलग क्रम में जुड़कर हजारों प्रोटीन बनाते हैं। इनका क्रम ही तय करता है कि प्रोटीन का कार्य क्या होगा – चाहे वह मांसपेशियों का निर्माण हो, एंजाइम्स बनाना हो या हार्मोन्स का उत्पादन।
शरीर में प्रोटीन कैसे बनता है?
पाचन: खाने के प्रोटीन्स पेट में टूटकर अमीनो एसिड्स में बदल जाते हैं।
अवशोषण: ये अमीनो एसिड्स खून के जरिए शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पहुँचते हैं।
पुनर्निर्माण: शरीर इन अमीनो एसिड्स का उपयोग करके 50,000+ प्रोटीन्स बनाता है, जैसे:
एंजाइम्स (भोजन पचाने में मदद)
हार्मोन्स (इंसुलिन, ग्रोथ हार्मोन)
इम्यून प्रोटीन्स (रोग प्रतिरोधक क्षमता)
संरचनात्मक प्रोटीन्स (मांसपेशियाँ, त्वचा, बाल)
प्रोटीन के स्रोत: कम्प्लीट vs इनकम्प्लीट
1. कम्प्लीट प्रोटीन्स (सभी 9 जरूरी अमीनो एसिड्स मौजूद)
एनिमल स्रोत: अंडे, दूध, मछली, चिकन, रेड मीट
प्लांट स्रोत: सोयाबीन, टोफू, टेम्पेह, क्विनोआ
2. इनकम्प्लीट प्रोटीन्स (कुछ अमीनो एसिड्स कम)
दालें, चावल, नट्स, बीज
टिप: इन्हें कॉम्बिनेशन में खाएं (जैसे: दाल + चावल, रोटी + पनीर) ताकि सभी अमीनो एसिड्स मिल सकें।
प्रोटीन की दैनिक जरूरत क्यों है?
मांसपेशियों की मरम्मत: वर्कआउट के बाद मांसपेशियों के टिशू टूटते हैं, प्रोटीन उन्हें रिपेयर करता है।
एनर्जी और मेटाबॉलिज्म: प्रोटीन पचने में अधिक कैलोरी बर्न होती है (थर्मिक इफेक्ट)।
इम्यूनिटी: एंटीबॉडीज प्रोटीन से बनती हैं, जो संक्रमण से लड़ती हैं।
त्वचा और बाल: कोलेजन और केराटिन प्रोटीन्स त्वचा और बालों को स्वस्थ रखते हैं।
दैनिक आवश्यकता:
सामान्य वयस्क: 0.8–1 ग्राम/किलो वजन
एथलीट्स/वजन प्रबंधन: 1.2–2 ग्राम/किलो वजन
प्रोटीन की कमी के लक्षण
थकान और कमजोरी
मांसपेशियों का कमजोर होना
बार-बार बीमार पड़ना
घाव भरने में देरी
बाल झड़ना और नाखून टूटना
सरल उदाहरण: एक दिन की प्रोटीन डाइट
समय | आहार | प्रोटीन (ग्राम) |
---|---|---|
सुबह | 2 अंडे + दलिया | ~15 |
दोपहर | 100 ग्राम चिकन + दाल | ~30 |
शाम | 1 कप ग्रीक योगर्ट | ~10 |
रात | टोफू सब्जी + रोटी | ~20 |
कुल | ~75 ग्राम |
निष्कर्ष
प्रोटीन सिर्फ बॉडीबिल्डर्स के लिए नहीं है – यह हर उम्र और लाइफस्टाइल के लोगों के लिए जरूरी है। एनिमल और प्लांट स्रोतों को मिलाकर खाएं, ताकि सभी अमीनो एसिड्स मिल सकें। अगर आप वेजिटेरियन हैं, तो दाल-चावल, पनीर-रोटी जैसे कॉम्बिनेशन्स पर ध्यान दें।
याद रखें: प्रोटीन की कमी से बचने के लिए हर भोजन में प्रोटीन शामिल करें – चाहे वह नाश्ता हो, लंच हो या डिनर!
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